माताचरण मिश्र ने कम कहानियां लिखीं लेकिन जो भी लिखीं,नायाब हैं। नायाब इस मानी में कि उन्होंने सनसनी को मुद्दा नहीं बनाया। उन विषयों को चुना जो आज के समय की ज़रूरत हैं और आज जो इंसान का नसीबा हैं।…
निरंजन श्रोत्रिय नौवे दशक के अग्रणी कवियों में हैं। निरंजन की वगीॅय दृष्टि स्पष्ट है और वे अथाह जल के तल में बैठे विरूप को सामने ला देते हैं जो हमारी चेतना को छिन्न- भिन्न कर रहा है। वे आज…
जार्ज ऑरवेल एक अंग्रेजी उपन्यासकार एवं पत्रकार थे।1903 को चंपारन की धरती, मोतिहारी में जन्मे ऑरवेल ब्रिटिश राज की भारतीय सिविल सेवा में अधिकारी थे। ऑरवेल ने एक नदी – रिवर ऑरवेल से अपना उपनाम रखा था। यह नदी ईस्ट…
डाॅ मयंक मुरारी कवि के साथ एक दृष्टिसम्पन्न विचारक और चिंतक हैं। विगत तीस वर्षों से आप साहित्य , इतिहास, परम्परा और दर्शन पर सतत् लेखन करते आ रहे हैं। आधुनिक और उत्तर आधुनिकता की अंध दौड़ में ज्ञान –…
रोहिणी अग्रवाल हिन्दी कथा की प्रखर आलोचक हैं। अपनी वैज्ञानिक दृष्टि से रोहिणी अग्रवाल साहित्य की जो पड़ताल करती हैं ,वह आलोचना का एक नया पाठ बन जाता है। रोहिणी अग्रवाल का हम यहां आलोचना- दृष्टि का एक टुकड़ा प्रस्तुत…