एनेॅस्तो कादेॅनाल निकारागुआ के ही नहीं, वरन् विश्व के बड़े कवि हैं। कादेॅनाल का जन्म 1925 में निकारागुआ में हुआ। चार वर्ष की आयु में कादेॅनाल ने कविता की क़लम पकड़ ली जो हैरत में डालती है। युवावस्था से कादेॅनाल क्रांतिकारी आंदोलनों में सक्रिय हिस्सेदारी लेने लगे । 26 वर्ष की आयु में कादेॅनाल के जीवन में भारी बदलाव आया जब वे अमेरिका में ट्रैपिस्ट मठ में धर्म – दीक्षा के लिए गए और अमेरिकी पादरी – कवि थाॅमस मेर्टन के संसर्ग में आए – कादेॅनाल ने थाॅमस मेर्टन को गुरू – रूप में स्वीकार किया। इसी का नतीज़ा था कि कादेॅनाल में एक साथ मार्क्सवाद और ईसाइयत के प्रति निष्ठा और प्रतिबद्धता दीखती है। कादेॅनाल का मानना है कि ईसाइयत और मार्क्सवाद दोनों का उद्देश्य एक ही है – वह है मानव की मुक्ति। अपने इसी उद्देश्य के चलते कादेॅनाल निकारागुआ के सान्दिनिस्ता छापामारों का साथ देने वाले एक्टिविस्ट थे, साथ ही सोलेंतिनामे द्वीप को नया जीवन देकर कम्यून की स्थापना करने वाले आध्यात्मिक पादरी थे। कादेॅनाल की कविता जातीय परम्परा के साथ प्रेम और बग़ावत का कलात्मक सौंदर्य है। अपने सरोकारों की स्पष्टता के चलते कादेॅनाल को यथास्थितिवादी कैथलिक तंत्र के कोप का भाजन बनना पड़ा। बावजूद इसके उन्होंने अपने तेवर और धज को बरक़रार रखा। यही कारण है कि कादेॅनाल रूबेन दारीओ, पाब्लो नेरूदा और सेसर वाय्यखो के बाद लातिन अमेरिकी ग्लोब के बड़े कवि हैं।
कादेॅनाल की प्रस्तुत कविताओं का अनुवाद मंगलेश डबराल ने किया है , प्रमोद कौंसवाल से साभार हम यहां प्रस्तुत कर रहे हैं। – हरि भटनागर
कविताएं : अनुवाद : मंगलेश डबराल
तारों की धूल
एक तारे के भीतर क्या है? हम हैं.
हमारे शरीर और हमारी धरती के तमाम तत्व
कभी एक तारे के पेट में थे.
हम तारों की धूल हैं.
15,000,000,000 वर्ष पहले हम हाइड्रोजन का पिंड थे
अंतरिक्ष में तैरते हुए, धीरे-धीरे घूमते, नाचते हुए,
और फिर गैस ज्यादा और ज्यादा संघनित होती गयी
ज्यादा बड़ा पिंड बनती गयी
और वह पिंड तारे में बदल गया और चमकने लगा.
तारे जब ज्यादा संघनित हुए तो गर्म और चमकदार हुए.
गुरुत्वाकर्षण से ऊष्मा पैदा हुई: प्रकाश और ताप.
कहने का अर्थ यह कि प्रेम.
तारे जन्मे, बड़े हुए और मर गये.
और आकाशगंगा ने एक फूल की शक्ल ले ली
जैसी कि वह आज नज़र आती है तारों-भरी रात में.
हमारी देहें और हड्डियाँ दूसरे तारों से आयी हैं
शायद दूसरी आकाशागंगाओं से,
हम सार्वभौमिक हैं
और मृत्यु के बाद हम दूसरे तारों
और दूसरी आकाशगंगाओं की रचना के काम आयेंगे.
हम तारों से आये हैं और तारों में ही चले जायेंगे वापस.
हवाई जहाज़ की नीली खिड़की से दृश्य
उस छोटी गोल खिड़की में सब कुछ नीला है,
नीली, हरी-नीली, नीली धरती
(और आसमान)
हर चीज़ नीली है
नीली झीलें और खाड़ियाँ
नीले ज्वालामुखी
और उससे आगे धरती दिखती है और भी नीली
नीले द्वीप, एक नीली झील पर.
यह उस धरती का चेहरा है जो मुक्त हुई है
और मेरे ख़याल से जहां तमाम लोग लडे थे
प्रेम के लिए!
शोषण की नफरत के बगैर
जीने के लिए.
एक दूसरे से प्यार करने के लिए एक सुन्दर धरती पर
जो सिर्फ अपने आप में सुन्दर नहीं है
बल्कि वहां रहने वालों के कारण सुन्दर है ,
बहुत ही ज्यादा सुन्दर उसके लोगों के कारण.
इसीलिये ईश्वर ने हमें दी यह सुन्दर धरती
इसके समाज के लिए.
और उन तमाम नीली जगहों में उन्होंने संघर्ष किया, बहुत कुछ झेला,
प्रेम के समाज के लिए
यहाँ इस धरती पर.
एक नीला भूभाग दिखता है सबसे अधिक सघन…..
और मुझे लगा वहाँ देख रहा हूँ तमाम संघर्षों की जगह,
और तमाम मौतों की जगह.
उस छोटी सी खिड़की के गोल पल्ले के पीछे
नीली
तमाम रंगतें नीले की.
सेलफोन
आप अपने सेलफोन पर बात करते हैं
करते रहते हैं करते जाते हैं
और हँसते हैं अपने सेलफोन पर
यह न जानते हुए कि वह कैसे बना था
और यह तो और भी कि वह कैसे काम करता है
लेकिन इससे क्या फर्क पड़ता है
परेशानी की बात यह कि आप नहीं जानते
जैसे मैं भी नहीं जानता था
कि कांगो में मौत के शिकार होते हैं बहुत से लोग
हजारों हज़ार
इस सेलफोन की वजह से
वे मौत के मुहं में जाते हैं कांगो में
उसके पहाड़ों में कोल्टन होता है
(सोने और हीरे के अलावा)
जो काम आता है सेलफोन के
कंडेंसरों में
खनिजों पर कब्जा करने के लिए
बहुराष्ट्रीय निगम
छेड़े रहते हैं एक अंतहीन जंग
15 साल में 50 लाख मृतक
और वे नहीं चाहते कि यह बात लोगों को पता चले
विशाल संपदा वाला देश
जिसकी आबादी त्रस्त है गरीबी से
दुनिया के 80% कोल्टन के भण्डार
हैं कांगो में
कोल्टन वहां छिपा हुआ है
तीस हज़ार लाख वर्षों से
नोकिया, मोटरोला, कम्पाक, सोनी
खरीदते हैं कोल्टन
और पेंटागन भी, न्यूयॉर्क टाइम्स
कारपोरेशन भी,
और वे इसका पता नहीं चलने देना चाहते
वे नहीं चाहते कि युद्ध ख़त्म हो
ताकि कोल्टन को हथियाया जाना जारी रह सके
7 से 10 साल तक के बच्चे निकालते हैं कोल्टन
क्योंकि छोटे छेदों में आसानी से समा जाते हैं
उनके छोटे शरीर
25 सेंट रोजाना की मजूरी पर
और झुण्ड के झुण्ड बच्चे मर जाते हैं
कोल्टन पाउडर के कारण
या चट्टानों पर चोट करने की वजह से
जो गिर पड़ती हैं उनके ऊपर
न्यूयॉर्क टाइम्स भी
नहीं चाहता कि यह बात पता चले
और इस तरह अज्ञात ही रहता है
बहुराष्ट्रीय कंपनियों का
यह संगठित अपराध
बाइबिल में पहचाना गया है
सत्य और न्याय
और प्रेम और सत्य
तब उस सत्य की अहमियत में
जो हमें मुक्त करेगा
शामिल है कोल्टन का सत्य भी
कोल्टन जो आपके सेलफ़ोन के भीतर है
जिस पर आप बात करते हैं करते जाते हैं
और हँसते हैं सेलफ़ोन पर बात करते हुए.
बाज़
मैंने गंजे बाज़ को देखा, अमेरिकी बाज़ को,
ऑरेगोन के बीचोबीच. अथाह हरी घास के मैदान
जिन्हें भैंसे ही पचा सकते थे, सामान्य पशु नहीं.
यही थी वजह कि वे वीरान थे.
वहाँ न भैंसे थे न इंडियन लोग.
दूर सपाट चोटियोंवाली पहाड़ियां जैसे मशीन से काट दी गयी हों.
एक जर्जर वाहन में कीट-विशेषज्ञ आल्बेर्तो के साथ
हमने उसे उड़ान भरते एक बाहरी पक्षी पर झपटते हुए देखा
जिससे गिर पड़ा वह जो वह ले जा रहा था. ’शायद कोई चूहा या ऐसा ही कुछ’.
फिर उसने नीचे धावा बोला जहाँ वह शिकार गिरा हुआ था.
इधर-उधर देखते हुए, उसकी फूली हुई छाती, कुबड़े कंधे,
चौकन्ना व्यक्तित्व, खूंखार,
हूबहू जैसा वह सिक्के पर बना हुआ रहता है.
और फिर वह तेज़ी से उड़ चला बेचारे बहरी पक्षी से चुराई हुई चीज़ के साथ.
वह अमेरिकी बाज़.
बस से अमेरिका का सफ़र करते हुए
कई वर्ष पहले वर्जीनिया या अलाबामा में
एक बस से मैंने देखा
एक गुलाबी लडकी , नीली पेंट में ें
एक सीढ़ी पर खड़ी हुई सेब तोड़ रही थी
(घर के भीतर से उसकी माँ बुला रही थी उसे)
और एक दूसरी लडकी , उसी की बहन, नीली पेंट में
घर के बरामदे को सफ़ेद रंग से रंगती हुई
–उन्होंने बस को देखा जो रफ़्तार बढाती हुई गुज़र रही थी.
वक़्त गुज़र गया है उस ग्रेहाउंड बस की तरह
लेकिन इतने वर्षों के बावजूद वे वैसी ही बनी हुई हैं,
बरामदे में रंग उतना ही ताज़ा है,
ब्रश अभी तक टपक रहा है
हाथ अब भी सेब पर हैं, वैसी ही उनकी निगाहें भी,
कई वर्ष पहले, एक दिन सुबह, वर्जीनिया या अलाबामा में,
जाने दीजिये, कौन सा राज्य था वह.
पार्क एवेन्यू में मृत सितारा
कड़कती हुई बिजली ने मुझे नींद से जगाया
जैसे ऊपरी मंजिल में फर्नीचर खिसकाने और समेटने की आवाज़ हो
और फिर जैसे रेडियो बज उठे हों लाखों की तादाद में
या सब-वे ट्रेनों की आवाज़ हो
या बमवर्षक जहाज़
और लगा जैसे दुनिया की सारी बिजलियाँ टूट पडी हों न्यू यॉर्क की आसमान-छूती इमारतों की रोशनियों पर
और वे फैली थीं सेंट जॉन द डिवाइन कैथेड्रल से टाइम्स बिल्डिंग तक
‘हमसे सीधे मत कहो, प्रभु, ताकि हम मर न जाएँ’
वूलवर्थ टावर से क्राइस्लर बिल्डिंग तक
और कैमरों की रोशनियाँ चमकती थीं फोटोग्राफरों जैसी
आसमान-छूती इमारतों को चकाचौंध करती हुईं
‘हमसे मूसा को कहने दो.
हमसे सीधे मत कहो, प्रभु, ताकि हम मर न जाएँ’.
‘शायद उनकी मृत्यु पिछली रात 3 बजे हुई’
बाद में न्यू यॉर्क टाइम्स ने बताया.
मैं तब जगा हुआ था. कड़कती बिजली ने मुझे जगा दिया था.
अपार्टमेंटों और बाथरूमों से जगमग होता सौरमंडल.
रोशनियाँ वैध और अवैध प्रेम संबंधों की
और उन लोगों की जो प्रार्थना करते थे, या ऊपरी मंजिल पर
एक सुरक्षित रात को झपटते थे
या एक लडकी का बलात्कार करते थे ऊंची आवाज़ में रेडियो बजाते हुए
या हस्तमैथुन करते थे, या सो नहीं पाते थे
और अपने कपडे उतारते थे (और पर्दे खींचते थे)
और तीसरे एवेन्यू ईआइ से उठता हुआ शोर
या भूमिगत ट्रेनें 125वीं सड़क पर बाहर आती हुईं
और फिर नीचे जाती हुईं,
एक नुक्कड़ पर आकर रुकती और फिर चलती हुई बस,
(बारिश में) पार्क में शायद एक औरत की चीख,
और खाली सडकों पर एम्बुलेंसों का विलाप
और लाल रंग के अग्नि-शामक वाहन
हमारे अपने पतों की तरफ दनदनाकर आते हुए.
‘….उसकी लाश कलाकार हैमिल्टन को मिली,
जिसने पुलिस को बताया कि वह बाथरूम के फर्श पर पड़ा था,
और फर्श की सजावट उसके भीगे हुए गाल में धंसी हुई थी,
वह अब भी अपने हाथ में सफ़ेद गोलियों की शीशी पकडे हुए था,
और सोने के कमरे में एक रेडियो पूरे जोर से बज तरह था
बिना किसी स्टेशन के.’
लीओन
मैं संत फ्रांसिस चर्च के पास एक बड़े से घर में रहता था
जिसके प्रवेश हॉल पर ये शब्द उकेरे हुए थे:
अवे मारीआ
उसका गलियारा लाल ईंटों का था,
और छत पुराने लाल टाइलों की
और जंग-लगी सलाखों वाली खिड़कियाँ थीं,
और एक विशाल दालान था
जो घुटन-भरी दोपहरों में असहनीय हो उठता
एक उदास पक्षी-घड़ी गाती हुई घंटे बजाती
और किसी की मुरझाये चहरे की एक चाची दालान में माला जपती
शामों को मैं सुनता था चर्च के घंटों की फ़रिश्ता-आवाज़:
‘और प्रभु के देवदूत ने मेरी को वचन दिया….’
दूर एक छोटी सी लडकी का हाथ पियानो की कुंजियों पर
कोई स्वर निकालता हुआ
और किसी बैरक में बजता बिगुल
और रात को कलवारी के ऊपर एक बड़ा सा लाल चाँद उगता था
मैं सुना करता था नरक में पडी आत्माओं और भूतों की कहानियाँ
आधी रात को
घोड़े पर सवार जनरल आरेशाबला की छाया सड़क से गुज़रती थी
और दरवाज़ा बंद होने की आवाज़…काले रंग का एक कोच
एक खाली ठेलागाड़ी खडखड करती हुई काले रीयाल से गुज़रती
और फिर बस्ती के तमाम मुर्गे बांग देते ,
और पक्षी-घड़ी का गीत
और मेरी चाची जो रोज़ सुबह 4 बजे प्रार्थना के लिए जाया करती
जैसे ही संत फ्रांसिस में घंटियाँ बजतीं
बजती रहतीं
कलवारी में
और संत फ्रांसिस अस्पताल में
और दूधवालों के बर्तन पत्थरों के फूटपाथ पर खनखनाते
और सामने के दरवाजों पर ब्रेड का फेरीवाला के दस्तक देता
और पुकारता रहता
ब्रे-ड
ब्रे-ड.
————–
अत्यंत लोकप्रिय संबोधन ‘अवे मारीआ’ का अर्थ है: मेरी की जय. इस कविता में एक जगह देवदूत की घोषणा के बाद मेरी की कोख से ईसा मसीह के जन्म लेने का प्रसंग है.
स्त्रियाँ देखती रहीं हमारी ओर
एक दोपहर हम एक कस्बे में पंहुचे जो घाटी के बीचोंबीच
फलदार पेड़ों से घिरा हुआ था,
वहाँ के वासी इतने शांत कि कभी कोई शोर नहीं सुनाई देता है,
न कभी वे झगड़ते हैं न चीखते हैं,
बल्कि आपस में धीमी आवाज़ में बात करते हैं
जिससे लगता है जैसे यहाँ कोई रहता ही न हो
आम तौर पर चांदनी रात में वे बाहर निकलते हैं
और नाचते और गाते है अपने सुषिर वाद्य बजाते हुए,
और अक्सर वे हमें भी अपने साथ गाने और नाचने के लिए बुलाते हैं,
और हम कभी-कभी नाच और गान में उनका साथ देते हैं,
और वे ज़ोरों से हँसते हैं और लगता है
कि वे हमारे गीतों के अर्थ भी जानना चाहते हैं.
उनकी औरतें हमारी तरफ देखती रहीं,
और उनमें से कुछ हमारे पास आयीं यह पूछने के लिए
कि क्या हमारे देश की स्त्रियों की त्वचा भी हमारे रंग की तरह है.
विधान और व्यवस्था के रक्षक प्रभु
(भजन 57)
विधान और व्यवस्था के रक्षक प्रभुओः
तुम्हारा न्याय क्या शायद वर्गीय न्याय नहीं है?
दीवानी अदालतें निजी संपत्ति की रक्षा के लिए.
फ़ौजदारी अदालतें दबे हुओं को और दबाने के लिए.
तुम्हारी स्वाधीनता का अर्थ है पूँजी की स्वाधीनता
तुम्हारे ‘मुक्त विश्व’ का आशय है शोषण की स्वतंत्रता
तुम्हारा कानून है एक बंदूक, और तुम्हारी व्यवस्था एक जंगल.
पुलिस भी तुम्हारी
न्यायाधीश भी तुम्हारे
तुम्हारी जेलों में नहीं कोई जमींदार-साहूकार बंद.
पूंजीपति अपनी मां की गोद से ही हो जाता है पथभ्रष्ट
जन्म से ही वह साथ लाता है अपने वर्ग के आग्रह
जन्म से ही उसके पास होती है उसके विष की थैली
बाघ की तरह वह जनमता है आदमखोर.
प्रभु, नाश करो यथास्थिति का
तोड़ो कुलीनतंत्र के विषदंत
उन्हें बह जाने दो पानी की तरह नाली में
उन्हें सूख जाने दो जैसे खरपतवार सूख जाता है
खरपतवार-नाशक से.
जब क्रांति आती है वे बन जाते हैं पेट के कीड़े
जीव कोशाएँ नहीं, रोगाणु हैं वे
वे नये मनुष्य की भ्रूणहत्या हैं. उन्हें बहिष्कृत करो
काँटे उगाने से पहले हो उन्हें उखाड़ फेंकने दो ट्रैक्टर को
साधारण जन स्वयं ही तय करेंगे अपन्र सवाल
अपनी विशिष्ट सभाओं में.
निजी उद्यमों को वे ले लेंगे अपने हाथ में
न्यायी मनुष्य खुशी मनायेगा जन अदालत में
विशाल चौराहों पर हम मनायेंगे क्रांति की जयंती का उत्सव
अस्तित्ववान ईश्वर सिर्फ़ ईश्वर है सामान्य जन का.
सफ़ेद विवर
एक बुनियादी सिद्धांत, या
एकमात्र बुनियादी सिद्धांत:
दो सूक्ष्म कोशिकाओं से
जनमती हैं लाखों-लाख कोशिकाएं
और समुद्र में नीली व्हेल नृत्य करने लगती है.
सूक्ष्म से विशाल की और
कहते हैं, एक अणु अगर एक कार होता,
तो एक कोशिका फोर्ड का कारखाना होती
सरलता से जटिलता तक,
अव्यवस्था से व्यवस्था तक,
एक अकेली दिशा की ओर विकास.
श्र्योडिंगर के शब्दों में, चेतना
जिसका बहुवचन ज्ञात नहीं है,
हम बूढ़े होते हैं और मर जाते है ऑटोमोबाइलों की मानिंद.
लेकिन अगर समय का अस्तित्व नहीं है, तो मरा हुआ नहीं है कोई.
चीज़ें सब एक साथ घटित नहीं होतीं,
यही है समय. कहता है व्हीलर,
हर चीज़ एक साथ है. समय ही है जो
उन्हें दिखलाता है अलग-अलग
‘समय…तुम जो अस्तित्ववान नहीं हो.’
तुम जो अस्तित्ववान नहीं हो मेरे न्यूरोनों के अलावा कहीं भी.
यानी जीवधारियों में कहीं कोई अलगाव नहीं
और न देश है न काल जो उन्हें करता हो अलग.
और गलत था आइन्स्टाइन जिसने कहा था कि
यह मायावी है और बेतुका है.
हम जिन्हें मृतक कहते हैं वे जीवित हैं
क्योंकि अतीत अस्तित्ववान है वर्तमान की तरह
भले ही हो अदृश्य.
और जब वे चे का चेहरा साफ़ करते हैं
वह बन जाता है एक तरह का क्राइस्ट.
उसकी बेटी हिल्दा कहती है:
‘चे कभी चे के बारे में ज्यादा बात नहीं करते थे.’
चेतना पदार्थ से अलग है और इसलिए
रहई है शरीर के बाद भी
मृत्यु ही है जो मरती है..
सबसे अहम नियम:
ब्रह्माण्ड में हर चीज जन्म लेती और मरती है,
यहाँ तक कि तारे भी.
तब क्या जन्म लेगा ब्रह्माण्ड से?
निकारागुआ झील पर
धीमी मालवाही मोटरबोट, आधी रात, झील के अधबीच,
सान मीखेलीतो से ग्रानादा जाती हुई.
आगे की रोशनियाँ अभी दिख नहीं रहीं
पीछे की धुंधलाती रोशनियाँ अब पूरी तरह ओझल हैं.
सिर्फ तारे हैं
(सात बहनों की ओर संकेत करने वाली उंगली जैसा मस्तूल)
और चोंतालेस*के ऊपर उदित होता हुआ चाँद .
एक और मोटरबोट (फ़क़त एक लाल रौशनी) गुज़रती है
और रात के भीतर धंस जाती है
उनके लिए हम:
रात में धंसती हुई एक और लाल रौशनी…
और मैं डेक पर लेटा हुआ, तारों को निहारता हुआ
केले के गुच्छों और चोंतालेस के पनीर के बीच हैरान सोचता हूँ:
शायद कुछ है जो हमारी इस पृथ्वी की तरह है
और कोई है जो मुझे देख रहा है (तारों को देख रहा है)
किसी दूसरी मोटरबोट से, किसी दूसरी रात में, किसी दूसरी झील पर.
*चोंतालेस—निकारागुआ का एक भूभाग.
बियर के खाली डिब्बों की तरह
जैसे बियर के खाली डिब्बे हों,जैसे सिगरेट के
बचे हुए टुकड़े हों,
ऐसे बीत गए मेरे दिन.
जैसे टीवी के पर्दे पर चलती
और लुप्त होती छायाएं हों,
ऐसे गुज़र गया मेरा जीवन.
जैसे सड़कों पर तेज़ी से गुज़रती कारें हों
जिनमें युवतियां खिलखिलाती हैं और
रेडियो बजते हैं—
बहुत जल्दी पुराना पड जाता है सौंदर्य
कार के मोडलों और
रेडियो के भूले-बिसरे गीतों की तरह.
कुछ भी नहीं बचा उन दिनों का
बचे हैं महज़ खाली बियर के डिब्बे,
सिगरेट के टूकडे
धुंधलाई तस्वीरों पर छपी हुई मुस्कराहटें,
फटे-पुराने टिकट,
बचा है महज़ बुरादा
सुबह-सुबह जिससे साफ़ किये जाते हैं
शराबघरों के फर्श.
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