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हरिशंकर परसाई आज़ाद भारत के उन महत्त्वपूर्ण लेखकों में हैं जिन्होंने जीवन यथार्थ के जटिलतम रूपों को नई कलात्मक अभिव्यक्ति दी। यह अभिव्यक्ति एक रचनात्मक इतिहास है जिसमें कहीं भी रूमानियत की छाया नहीं। परसाई समय- समाज के एक ऐसे…

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सौमित्र की कविताओं को पढ़ते हुए पता नहीं क्यों Innocent Poetry शब्द गूंजता है। यह गूंज अनायास नहीं है। सौमित्र की कविताओं से गुज़रें तो यह एहसास होता है। कवि का सीपी में बैठकर समुद्र की यात्रा का स्वप्न क्या…

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भगवानदास मोरवाल कहानी ही नहीं, हिंदी उपन्यास का एक बड़ा नाम है। मोरवाल ने अभी तक ग्यारह उपन्यासों की रचना की है जिसमें वंचित समाज के दुख – दर्द, आशा – निराशा और उसके उल्लास का प्रतिबिम्ब  है।    ‘…

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मनुष्य आज हर तरफ़ अजीब – सी अबूझ स्थितियों से घिरा हुआ है। उससे उबरने का किया गया हर प्रयास उबारने की बजाय उसे और उलझाता जा रहा है।आज मनुष्य की सिर्फ़ एक ही पहचान बची रह गई है –…

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निर्मला भुराड़िया नौवे दशक की महत्त्वपूर्ण कथालेखिका हैं। कहन का अंदाज़ निर्मला का चुहलभरा है जिसके आलोक में सामाजिक बुराई – विद्रूपता छुप नहीं पाती। निर्मला में व्यंग्य की एक ऐसी मीठी मार दीखती है जो अनायास ही उन्हें परसाई,…

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