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मनोज कुमार पाण्डेय समकालीन कहानी के प्रमुख हस्ताक्षर हैं। मनोज की कई कहानियों के मंचन हुए और उन पर फ़िल्में बनी हैं। अपनी रचनात्मकता के लिए मनोज कई महत्त्वपूर्ण सम्मानों से सम्मानित हैं। प्रस्तुत कहानी आज की कुत्सित राजनीति का…

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एनेॅस्तो कादेॅनाल निकारागुआ के ही नहीं, वरन् विश्व के बड़े कवि हैं। कादेॅनाल का जन्म 1925 में निकारागुआ में हुआ। चार वर्ष की आयु में कादेॅनाल ने कविता की क़लम पकड़ ली जो हैरत में डालती है। युवावस्था से कादेॅनाल…

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अवधेश प्रीत नवे दशक के महत्त्वपूर्ण कथाकार हैं। दैनिक हिन्दुस्तान के सम्पादकीय विभाग से सम्बद्ध रहे अवधेश प्रीत के ‘अशोक राजपथ’ और ‘रूई लपेटी आग’ उपन्यास अपने कथ्य और शिल्प की वजह काफ़ी चर्चा में रहे। आपकी कहानियां भी प्रभावित…

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मंटो उर्दू भाषा तक महदूद नहीं हैं। उनकी गिनती विश्व के बड़े लेखकों में होती है। यहां हम मंटो की मशहूर कहानी ‘ टोबा टेक सिंह’ प्रस्तुत कर रहे हैं। सम्पूर्ण प्रस्तुति मुख़्तार ख़ान की है। – हरि भटनागर  …

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काजी नज़रुल इस्लाम रवीन्द्रनाथ टैगोर के बाद बांग्ला कविता के सबसे महत्त्वपूर्ण और विद्रोही कवि थे। उन्हें आधुनिकता का अग्रदूत माना जाता है। 1899 में पश्चिम बंगाल के बर्धमान के चुरुलिया में जन्मे काजी नज़रुल इस्लाम सेना में हवलदार थे।…

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