श्याम अविनाश हिन्दी कविता के आठवें दशक के महत्त्वपूर्ण कवि हैं। प्रकृति के विविध रूपों के माध्यम से आप जीवन – स्थितियों को उसकी मूक उदासी को बारीकी से चित्रित करते हैं। जीवन के शाश्वत प्रश्नों के साथ प्रकृति का…
संजय कुंदन एक दृष्टिसंपन्न कवि हैं। समय के विद्रूप को वे हँस – हँस के मज़े ले लेकर उधेड़ देते हैं। वे सचेत कवि हैं पैनी निगाह वाले। हर जगह कविता का स्पेस बना देते हैं। संजय कुंदन को पढ़ते…
आज हम ऐसे संकट के दौर से गुज़र रहे हैं जहां हमारा हमसे सब कुछ छीन लिया जा रहा है – हमारी स्थानीयता ,हमारी बोली – बानी। कौन है जो हमें हमारी धरती से हकाल रहा है प्रत्यक्ष अप्रत्यक्ष रूप…
दारा शिकोह मुग़ल बादशाह शाहजहां के बड़े बेटे थे। उनका जन्म 1615 में अजमेर के तारागढ़ क़िले में हुआ था। युवा काल से ही दारा शिकोह को सूफ़ियों, संतों और आध्यात्मिक परम्परा में गहरी दिलचस्पी थी। सिरेॅ अकबर नाम से…
मालवा अंचल में आज भी स्त्रियां कड़ियां पहनती हैं। यह गहना भी हैं और मुसीबत के समय का आथिॅक सहारा। कभी – कभी यह गहना घोर मुसीबत का सबब बन जाता है जब कोई सिरफिरा लालच में यह गहना पाने…