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डाॅ मयंक मुरारी कवि के साथ एक दृष्टिसम्पन्न विचारक और चिंतक हैं। विगत तीस वर्षों से आप साहित्य , इतिहास, परम्परा और दर्शन पर सतत् लेखन करते आ रहे हैं। आधुनिक और उत्तर आधुनिकता की अंध दौड़ में ज्ञान –…

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रोहिणी अग्रवाल हिन्दी कथा की प्रखर आलोचक हैं। अपनी वैज्ञानिक दृष्टि से रोहिणी अग्रवाल साहित्य की जो पड़ताल करती हैं ,वह आलोचना का एक नया पाठ बन जाता है। रोहिणी अग्रवाल का हम यहां आलोचना- दृष्टि का एक टुकड़ा प्रस्तुत…

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ज्ञान चतुर्वेदी हिन्दी भाषा के साथ एशिया महाद्वीप के बड़े लेखक हैं। यह कथन मेरा नहीं, मेरे सहचर हरि भटनागर का है। हाल ही में ज्ञान चतुर्वेदी का ताज़ा उपन्यास ‘एक तानाशाह की प्रेमकथा’ राजकमल प्रकाशन से प्रकाशित होकर आया…

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सुकांत भट्टाचार्य बँगला कविता का सर्वाधिक लोकप्रिय नाम है। मात्र बीस बरस की अल्पायु पाने वाले इस कवि के बारे में रवीन्द्रनाथ टैगोर का यह उद्गार ग़ौरतलब है। शोषित पीड़ित अवाम का जो शोकगीत वे स्वयं न गा सके, इस…

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ज्ञानरंजन ने पंकज स्वामी के बारे में लिखा है कि वे नए समाज के कारीगर हैं और उनकी दस्तक सुनी गई है।’पारसी धर्मशाला’ एक गुम होती , डूबती मासूम नस्ल और संस्कृति की एक बेजोड़ कहानी है। लीजिए, प्रस्तुत है…

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